वक्रतुंड महाकाय तेरे हम पुजारी
वक्रतुंड महाकाय
तेरे हम पुजारी
आके प्रभु दूर करो
विपदा हमारी।।
वक्रतुंड महाकाय
तेरे हम पुजारी
आके प्रभु दूर करो
विपदा हमारी
वक्रतुंड महाकाय।।
सिंदूरी वध करके
सिंदूरी माथे धरे
देव दनुज मानव और
रिशुओ को उबारे।।
कोई क्या बयान करे
महिमा तेरी भारी
वक्रतुंड महाकाय।।
मात पिता का मूल्य
तुम्ही ने बताया
शिव शक्ति का शुभ
आशीष तुमने पाया।।
विघन हरण मंगल करण
मूषक वाहन धारी
वक्रतुंड महाकाय।।
अंधान को आंख देते
कोडियां को काया
बंझन को पुत्रा डिट
निर्धन को माया
वक्रतुंड महाकाय।।
तन मन और धन से
तुम्हें पूजे नर नारी
वक्रतुंड महाकाय।।
वक्रतुंड महाकाय
तेरे हम पुजारी
आके प्रभु दूर कीजे
विपदा हमारी
वक्रतुंड महाकाय।।