उज्जैन के राजा अब तुम दरस दिखाओ ना

  • ujjain ke raaja ab tum daras dikhao na

तर्ज – तीन बाण के धारी तीनों बाण चलाओ ना

उज्जैन के राजा अब तुम दरस दिखाओ ना
काल के कपाल से बाबा मुझको बचाओ ना
भोले मेरे भोले अब तुम जल्दी आओ ना

दुनिया के जमेलो से जब हार के कोई आए
उसे हारे को बाबा अपने गले से है लगाए
अब तू आकर भोले मेरा साथ निभोओ ना

काल के कपाल से बाबा मुझको बचाओ ना

सब जाने तु भोले शंकर दानी है बड़ा
आज तेरे चरणों में यह पापी है पड़ा
बिना कुछ पूछे शंभू मेरे कृपा बरसाओ ना

काल के कपाल से बाबा मुझको बचाओ ना

लकी बाबा तेरा हरदम ध्यान धरता है
अपने दिल की सारी बाबा बातें कहता है
भक्तों के सीर पे मेरे भोले हाथ फिर आओ ना

काल के कपाल से बाबा मुझको बचाओ ना

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