उगीं सुरुज देव दिहिं दर्शनवा
उगीं सुरुज देव दिहिं दर्शनवा,
मन बा उदास कईसे करी हम पुजनवा,
उगीं सुरुज देव दिहिं दर्शनवा,
मन बा उदास कईसे करी हम पुजनवा,
अब ललकी ललईया बिखेरिहे नु हो,
आदित गोसइयाँ दुखवा बलईया हरिहे नु हो,
आदित गोसइयाँ दुखवा बलईया हरिहे नु हो ।
उनके ही आसे पियासे उपासे नु हो,
सुनिहे अरज ना होख निरासे नु हो,
उनके ही आसे पियासे उपासे नु हो,
सुनिहे अरज ना होख निरासे नु हो,
सातो घोड़वा के रथ से उतरिहे नु हो,
आदित गोसइयाँ दुखवा बलईया हरिहे नु हो,
आदित गोसइयाँ दुखवा बलईया हरिहे नु हो ।
मन हरसाई आई जुड़ाई नु हो,
अरुण पवन के आसरा पुराई नु हो,
मन हरसाई आई जुड़ाई नु हो,
अरुण पवन के आसरा पुराई नु हो,
देव विकट समईया के टरिहे नु हो,
आदित गोसइयाँ दुखवा बलईया हरिहे नु हो,
आदित गोसइयाँ दुखवा बलईया हरिहे नु हो ।