सुनो श्याम प्यारे

  • Suno Shyam Pyare

सुनो श्याम प्यारे, ये विनती हमारी-०२
तरसती है अँखियाँ, दरस को तुम्हारी,
कोई रूप लेकर, अब चले आओ-०२
नही तो निकल जाएगी, जान ये हमारी,
सुनो कृष्ण प्यारे, ये विनती हमारी,
तरसती है अँखियाँ, दरस को तुम्हारी ।

हमे भी सुनाओ, वो धुन बांसुरी की,
हमे भी लुभाओ, जैसे गोपियाँ लूभी थी,

हमे भी सुनाओ, वो धुन बांसुरी की,
हमे भी लुभाओ, जैसे गोपियाँ लूभी थी,,
गईया चिरईयाँ, सब राह देखे-०२
कलयुग में कितनी, जरूरत तुम्हारी,
सुनो कृष्ण प्यारे, ये विनती हमारी,
तरसती है अँखियाँ, दरस को तुम्हारी ।

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फिर से कहीं कोई यशोदा, डांट लगाये,
फिर से कहीं कोई लल्ला, माखन चुराये,

फिर से कहीं कोई यशोदा, डांट लगाये,
फिर से कहीं कोई लल्ला, माखन चुराये,
हमे तुम सिखा दो, रिश्ते निभाना-०२
बदलेगी दुनिया को, लीला तुम्हारी,
सुनो कृष्ण प्यारे, ये विनती हमारी,
तरसती है अँखियाँ, दरस को तुम्हारी ।

प्रेम में राधा, राधा की कृष्णा,
दूर हुए दो प्रेमी, एक हुई नाम,
हां ………….. हां ………………….
प्रेम में राधा, राधा की कृष्णा,
दूर हुए दो प्रेमी, एक हुई नाम,
फिर भी ये दुनिया कहती, राधे कृष्णा-०२
सिखा दो ना हमको ऐसी, पवित्रता तुम्हरी,
सुनो श्याम प्यारे, ये विनती हमारी,
तरसती है अँखियाँ, दरस को तुम्हारी,
कोई रूप लेकर, अब चले आओ-०२
नहीं तो निकल जाएगी, जान ये हमारी।


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