सिंदूरी रँग हे बजरंग

  • sinduri rang hey bajrang

सिंदूरी रँग, हे बजरंग,
कृपा करो दीनानाथ,
विनती स्वीकारो मोरी,
हे मोरे प्राण नाथ,
सिंदूरी रँग, हे बजरंग……..

तेज प्रताप मुख मण्डल बिराजे,
पंचमुखी में कुंडल अति साजे,
केशरी नन्दन नाम कहावे,
संकट मोचन जय घोष बाजे,
भक्ति भाव से पूजिये बजरंग,
सिंदूरी रँग, हे बजरंग……..

कोउ और देवता अर्ज न सुन है,
पबन पुत्र सबकी विनिति सुन है,
कल युग में अगर कोउ है सजीबत,
वो है हनुमन्ते जो सबकी सुन हैं,
मोरी भी सुनो कृपा निधि बजरंग,
सिंदूरी रँग, हे बजरंग……..

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