श्याम की ज्योत जगायी जी

  • Shyam Ki Jyot Jagai Ji

दास गाडियो मित्र मण्डल की नींव लगायी जी,
श्याम की ज्योत जगायी जी ।।

तर्ज – देख तेरे भक्तों की हालत ।

इक इक करके सबने बताया, श्याम बिना थारो कोई न भाया,
खाटू वालों सांचो साथी, भरी सभा मं परचो दिखाया,
तन-मन अपणों अर्पण करके, लगन लगायी जी ।। श्याम…

धोती कुर्तो पीली पगड़ी, श्याम जगत की शान थी तगड़ी,
आज भी दीखे कीर्तन मांही, सब भक्तां की बणाता बिगड़ी,
हारयोड़ा न धीर बंधावे, बात बणायी जी ।। श्याम…

चैत बदी ग्यारस जद आयी, भक्त न निरख्यो श्याम कन्हाई,
बांकी भक्ति से खुश होकर, श्याम धणी न करली सुणायी,
ज्योत मं ज्योत समायी दर पे, रात जगाय जी ।। श्याम…

फागण मांही ध्वजा क सागे, आज भी चाले म्हारे आगे,
म्हें तो श्याम की धुन मं चालां, यो ही सम्हाले पीछे भागे,
‘मित्र मण्डल’ की खाटू मांही, धाक जमायी जी ।। श्याम…

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