श्याम का झुनझना

  • Shyam Ka Jhunjhuna

तर्ज – जिंदगी प्यार का गीत है।

तेरे हाथों की कठपुतली हूँ,
तेरे हाथों का मैं झुनझुना,
मेरी किस्मत है सबसे बड़ी,
तूने सेवा में अपनी चुना,
तेरे हाथो की कठपुतली हूँ,
तेरे हाथों का मैं झुनझुना।।

चाहे जितना बजा ले मुझे,
चाहे जितना नचा ले मुझे,
चाहे जितना हंसा ले मुझे,
चाहे जितना रुला ले मुझे,
जानता हूँ तू देता मुझे,
मेरी किस्मत से भी सौ गुना,
मेरी किस्मत है सबसे बड़ी,
तूने सेवा में अपनी चुना,
तेरे हाथो की कठपुतली हूँ,
तेरे हाथों का मैं झुनझुना।।

तेरे चलते ही पहचान है,
तूने हाथों से मुझको बुना,
मैं जहाँ भी रहूं सब कहे,
आ गया श्याम का झुनझुना,
तूने हरदम यही है कहा,
क्यों फिकर करता है मैं हूँ ना,
मेरी किस्मत है सबसे बड़ी,
तूने सेवा में अपनी चुना,
तेरे हाथो की कठपुतली हूँ,
तेरे हाथों का मैं झुनझुना।।

मेरी अर्जी यही है प्रभु,
तेरी महफ़िल में बजता रहूं,
‘श्याम’ की सांसे है जब तलक,
तेरा गुणगान करता रहूं,
ये ‘ललित’ का जीवन प्रभु,
बिन तेरे लागे सुना सुना,

मेरी किस्मत है सबसे बड़ी,
तूने सेवा में अपनी चुना,
तेरे हाथो की कठपुतली हूँ,
तेरे हाथों का मैं झुनझुना।।
तेरे हाथों की कठपुतली हूँ,
तेरे हाथों का मैं झुनझुना,
मेरी किस्मत है सबसे बड़ी,
तूने सेवा में अपनी चुना,
तेरे हाथो की कठपुतली हूँ,
तेरे हाथों का मैं झुनझुना।।

मिलते-जुलते भजन...