श्री राम धुन में मन तू, जब तक मगन ना होगा

  • Shri Ram Dhun Mein Mann Tu

श्री राम धुन में मन तू, जब तक मगन ना होगा,
भव जाल छूटने का, तब तक जतन ना होगा ।।

तर्ज – फूलो में सज रहे है ।

व्यापार धन कमाकर, तू लाख साज सजले,
होगा सुखी ना जब तक, संतोष धन ना होगा,
श्री राम धुन मे मन तू, जब तक मगन ना होगा,
भव जाल छूटने का, तब तक जतन ना होगा ।।

तप यज्ञ होम पूजा, व्रत और नैम कर ले,
सब व्यर्थ है जो मुख से, हरी का भजन ना होगा,
श्री राम धुन मे मन तू, जब तक मगन ना होगा,
भव जाल छूटने का, तब तक जतन ना होगा ।।

संसार की घटा से, क्या प्यास बुझ सकेगी,
प्यासे ह्रदय को जब तक, तेरा ना धन मिलेगा,
श्री राम धुन मे मन तू, जब तक मगन ना होगा,
भव जाल छूटने का, तब तक जतन ना होगा ।।

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