शिव शंभू तेरा सबसे बड़ा दीवाना हूँ मैं
शिव शंभू तेरा सबसे बड़ा दीवाना हूँ मैं-०२
इस झूठी दुनिया से अब बेगाना हूँ मैं-०२
नशा तेरी भक्ति का, चढ़ा है इस कदर-०२
तेरी हीं मस्ती का एक मस्ताना हूँ मैं-०२
माथे पे भस्म रमाता और डमरू बजाता-०२
सुबहो शाम बाबा तेरे हीं गुण गाता-०२
लोग कहते है की मुझको कि ये पागल हुआ,
पर ये पागलपन हीं है मुझको अब भाता-०२
शिव शंभू तेरा सबसे बड़ा दीवाना हूँ मैं-०२
इस झूठी दुनिया से अब बेगाना हूँ मैं-०२
नशा तेरी भक्ति का, चढ़ा है इस कदर-०२
तेरी हीं मस्ती का एक मस्ताना हूँ मैं-०२
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सोने चांदी के महलों की चाहत नहीं,
तेरे बिना अब मिलती कहीं राहत नहीं,
ठोकरें खाई है मैंने दुनिया कि बहुत,
तेरी चौखट के जैसी कहीं हिफाजत नहीं,
विष का प्याला भी अमृत समझ पी लूँ,
तेरी रज़ा में हीं बाबा अब मैं जी लूँ-०२
यमराज भी रास्ता बदल ले अपना,
जब बनकर कवच तेरा नाम मैं सी लूँ,
शिव शंभू तेरा सबसे बड़ा दीवाना हूँ मैं-०२
इस झूठी दुनिया से अब बेगाना हूँ मैं-०२
नशा तेरी भक्ति का, चढ़ा है इस कदर-०२
तेरी हीं मस्ती का एक मस्ताना हूँ मैं-०२
