शिव की करो आराधना
सुनते हैं वो हर प्रार्थना
वो सब के पालनहारे हैं, श्रृष्टि के रचना कार हैं
उनकी शरण मे जो गया, उस भक्त का उधार है
चरणों मे उनके बैठना, हाथो से उनको थामना
भोले हैं वो प्यारे भी हैं, सब देव मे न्यारे भी है
माना गले मे सर्प भी, त्रिशूल वो थामें भी हैं