शिव ही सत्य है

  • Shiv Hi Satya Hai

शिव ही सत्य है, जग में बाकी सब तो झूठा है,
शिव ही जब नाद उठाये तो, ब्रह्म चक्र भी टुटा है,
शिव ही सत्य है, जग में बाकी सब तो झूठा है,
शिव ही जब नाद उठाये तो, ब्रह्म चक्र भी टुटा है,
काल तो काल है, त्रिपुरारी की लीला आज भी जारी है,
महाकाल की माया तो जग में सबसे भारी है-०२

नदी की हुकार में राण के पुकार में,
रहते हैं शिव सदा ही जीवन के सार में,
चमक ललाट पे ऐसे चमके,
जिसकी चमक से सृष्टि दमके,
डम डम डमरू धुन में बाजे, नंदी की सवारी है,
महाकाल की माया तो जग में सबसे भारी है-०२

और इस भजन को भी देखें: गूंजे सदा जयकार हो भोले तेरे भवन में

मिलते हैं शिव मेरे, माया के रूप में,
छम छम बरसते बादल, छांव हो या धुप में,
शंख त्रिशूल है कुण्डल की बाला,
शिव के लिए है हर घर शिवाला,
इतना तेज दिखे जैसे कोई रण की हुई तैयारी है,
महाकाल की माया तो जग में सबसे भारी है-०२


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