शिव अदभुत रूप बनाए

  • shiv adhbhut roop banaye

शिव अदभुत रूप बनाए
शिव अदभुत रूप बनाए, जब ब्याह रचाने आए

भुत बेताल थे, सब्ग में चंडाल थे,
कैसी बारात सिव सजाए, जब ब्याह रचाने आए
शिव अदभुत………

लंगड़े-लूले थे, अंधे-काणे भी थे,
शुक्र-शनिचर को भी संग लाये, जब ब्याह रचाने आए
शिव अदभुत……..

आए सब देवता, पाए जब देवता,
देवियों को भी संग में लाए, जब ब्याह रचाने आए
शिव अदभुत……..

लोग डरने लगे और यह कहने लगे,
रूप कैसा गजब बानाए, जब ब्याह रचाने आए
शिव अदभुत……….

बोलो सत्यम, शिवम् है वही सुन्दरम,
गोरा के मन को भाए शिव अदभुत रूप बानाए
शिव अदभुत……….

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