शिरडी मैं आया एक फकीर

  • shirdi me aaya ek fakeer

शिरडी मैं आया एक फकीर
सबके दिलो पे छाया फ़कीर

लोगो ने जब नाम है पुछा नाम न उसने बताया
देख म्हंसा पति ने झट पट साईं केह के बुलाया
नुरानी है उसका चेहरा और काँधे पर झोला
सब का मालिक आल्हा मालिक एक है वो ये बोला
जिस के कर्म से बदल गई है दुनिया की तकदीर
शिरडी मैं आया एक फकीर
सबके दिलो पे छाया फ़कीर

सारी दुनिया केहती है उसको शिर्डी का महाराजा
उसने कर्म का खोल दियां है सब के लिए दरवाजा
मुस्किल में जो उसको पुकारे सब के ही काम आये
पानी से वो दीप जलाए सब की मकद फरमाए
लोगो के दुःख देख के वो तो रोज बहाए नीर
शिरडी मैं आया एक फकीर
सबके दिलो पे छाया फ़कीर

सारा ही संसार तो उसके आगे शीश झुकाए,
कोडी को वो अच्छा करदे अन्धो को आँख दिखाए
सचाई की राह दिखाए ऐसा स्वामी आया
बेश बदल कर सारे जग में राम कृष्ण केहलाया
जिसने बांटी सारे जग को चाहत ही जगीर
शिरडी मैं आया एक फकीर
सबके दिलो पे छाया फ़कीर

हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई सब को दिया उपदेश
एक बनाया अनेक बनाया देता रहा सन्देश
लोगो के सुख दुःख की खातिर बदल के अपना बेश
शिर्डी नगर में देखो लोगो आया वोही दरवेश
जुल्मो सितम की काट के रखदी साईं ने हर जंजीर
शिरडी मैं आया एक फकीर
सबके दिलो पे छाया फ़कीर

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