सखी हे लागल सावन महिनवा

  • Sakhi He Lagal Sawan Mahinawa

सखी हे लागल सावन महिनवा,
चला चली काशी नगरिया ना,
सखी हे लागल सावन महिनवा,
चला चली शिव के नगरिया ना,
चला ली काशी नगरिया ना-०२
सखी हे लागल सावन महिनवा,
चला चली काशी नगरिया ना,
सखी हे लागल सावन महिनवा,
चला चली शिव के नगरिया ना।

गंगा जल भरी शिव के द्वारे,
मांगे मनौती हाथ पसारे,

गंगा जल भरी शिव के द्वारे,
मांगे मनौती हाथ पसारे,
बम बम बम बम कर गुणगणवा,
चला चली शिव के नगरिया ना,
सखी हे लागल सावन महिनवा
चला चली शिव के नगरिया ना।

और इस भजन का भी अवलोकन करें: कुछ पल तो निकालो भोले के दरबार के लिए

काशी विश्वनाथ हर गंगे,
झूमे सब भक्ति के रंग में,

काशी विश्वनाथ हर गंगे,
झूमे सब भक्ति के रंग में,
रिम झिम बरसे सावन बदरिया,
चला चली शिव के नगरिया ना,
सखी हे लागल सावन महिनवा
चला चली शिव के नगरिया ना।

काशी नगरी शिव के द्वारे,
गंगा जल बही जाये किनारे,

काशी नगरी शिव के द्वारे,
गंगा जल बही जाये किनारे,
हर हर गंगे बोले सब घटवा,
चला चली शिव के नगरिया ना,
सखी हे लागल सावन महिनवा
चला चली शिव के नगरिया ना।


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