सखी म्हारो कुण हुयो जो अपराध
सखी म्हारो कुण हुयो जो अपराध
घर आया साजन रूठी गया हो
सखी मन दिवला सी दीवलो
कभी नही बाल्यो हो
हो आसा नही पोयच्या
कवला सी हाथ
घर आया साजन रूठी गया हो
सखी मन कंडा सी कंडो
कभी नहीं फोड़यो हो
हो आसी नही फेंकी घुड़ा प राख
घर आया साजन रूठी गया हो
सखी मन पानी पीती गौवा ख
कभी नही वालई हो
हो असो नही मोड़यो
कन्या को ख्याल
घर आया साजन रूठी गया हो

