सखी म्हारो कुण हुयो जो अपराध

  • sakh mharo kun hoyo jo apraadh

सखी म्हारो कुण हुयो जो अपराध
घर आया साजन रूठी गया हो

सखी मन दिवला सी दीवलो
कभी नही बाल्यो हो
हो आसा नही पोयच्या
कवला सी हाथ
घर आया साजन रूठी गया हो

सखी मन कंडा सी कंडो
कभी नहीं फोड़यो हो
हो आसी नही फेंकी घुड़ा प राख
घर आया साजन रूठी गया हो

सखी मन पानी पीती गौवा ख
कभी नही वालई हो
हो असो नही मोड़यो
कन्या को ख्याल
घर आया साजन रूठी गया हो

https://youtu.be/XXOH5pcyD24

मिलते-जुलते भजन...