साहणु खुशियाँ दी रहनी नही कोई थोड़

  • sahnu khushiyan di rehni nhi koi thod

होया खुशियाँ दा आज वे माहोल,
गणपति साड़े घर आ गये
साहणु खुशियाँ दी रहनी नही कोई थोड़,
रिधि सीधी संग आ गये,
आओ जी जी आया नु ॥
गणपति भाप्पा मोरेया,
मोरेया रे भप्पा मोरेया रे,

सोहना सोहना गणपति जी दा आसन लगाया मैं,
चुन चुन फुल्ला नाल उस नु सजाया मैं,
बड़ी शरदा नाल पुरे किते शोंक ताहि साड़े घर आ गए,
आओ जी जी आया नु ॥
गणपति भाप्पा मोरेया मंगल मूर्ति मोरिया…

इक दंत दया वंत चार भुजा धारी ने,
माथे ते सिंधुर सोहे मुसे दी सवारी,
जिह्ना वरगा न होर कोई देव ओही साड़े घर आ गये
सहनु खुशियाँ दी रहनी नही थोड रिधि सीधी साड़े घर आ गए,
मोरेया रे भप्पा मोरेया रे…….

पान चड़े फूल चड़े और चड़े मेवा जी,
गणपति जी दी हर वेले संत करे सेवा जी,
लावो लाडूआ दा बाबा जी नु भोग गणपति जी साड़े घर आ गए,
सहनु खुशियाँ दी रहनी नही थोड रिधि सीधी साड़े घर आ गए…

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