सबसे पहले तुम्हें मनाऊँ गौरी सूत महाराज
प्रथमे गुरूजी को वंदना,
द्वितीये आदि गणेश,
त्तृतीये सिमरा शारदा,
माँ मेरे कण्ठ करो प्रवेश ।।
सबसे पहले तुम्हें मनाऊँ,
गौरी सूत महाराज,
तुम हो देवों के सरताज,
दूंद दुँदाला सूँड़ सुन्डाला,
मस्तक मोटा कान,
गणपति देव बड़ा बलवान -०२
सबसे पहले तुम्हें मनाऊँ,
गौरी सूत महाराज,
तुम हो देवों के सरताज-०२
दूंद दुँदाला सूँड़ सुन्डाला,
मस्तक मोटा कान,
गणपति देव बड़ा बलवान -०२
गंगाजल स्नान कराऊँ,
केसर चंदन तिलक लगाऊं,
तिलक लगाऊं, तिलक लगाऊं,
रंग बिरंगे फुल मैं लाऊँ,
सजा सजा तुमको पहनाऊं,
लम्बोदर गजबदन विनायक,
राखो मेरी लाज,
तुम हो देवों के सरताज-०२
दूंद दुँदाला सूँड़ सुन्डाला,
मस्तक मोटा कान,
गणपति देव बड़ा बलवान -०२
जो गणपति को प्रथम मनाता,
उसका सारा दुख मिट जाता,
दुख मिट जाता, दुख मिट जाता,
रीद्धी सिध्दि सुख सम्पति पाता,
भव से बेड़ा पार हो जाता,
मेरी नैया पार करो,
मैं तेरा लगाऊं ध्यान,
गणपति देव बड़ा बलवान -०२
दूंद दुँदाला सूँड़ सुन्डाला,
मस्तक मोटा कान,
गणपति देव बड़ा बलवान -०२
पार्वती के पुत्र हो प्यारे,
सारे जग के तुम रखवाले,
तुम रखवाले, तुम रखवाले,
भोलेनाथ है पिता तुम्हारे,
सूर्य चन्द्रमा मस्तक धारें,
मेरे सारे दुख मिट जाये,
दे वों यही वरदान,
गणपति देव बड़ा बलवान -०२
दूंद दुँदाला सूँड़ सुन्डाला,
मस्तक मोटा कान,
गणपति देव बड़ा बलवान -०२
हो सबसे पहले तुम्हें मनाऊँ,,
गौरी सूत महाराज,
तुम हो देवों के सरताज-०२
दूंद दुँदाला सूँड़ सुन्डाला,
मस्तक मोटा कान,
गणपति देव बड़ा बलवान -०२
सबसे पहले तुम्हें मनाऊँ,
गौरी सूत महाराज,
तुम हो देवों के सरताज……..