रुणिचा जावा री मारे मन में जची

  • runicha java ri maare man me jachi

रुणिचा जावा री मारे मन में जची
मारो रामाँपीर हेला पाड़े रे म्हारो बाबा हैलो पाड़े

बाबा थारी कृपा रेवा दे मने भी सेवा करवा दे
रुणिचा रा हो राजवी पैदल पैदल बुलबा दे

लीलो घोड़ो नवलखीयो रे बाबा भल हल भालो सोवे
धोरा धरती जन्म लियो थे धोली ध्वजा फहरावे

बाबा पैदल-पैदल थारे आऊ थारां ही में दर्शन पाऊं
जात जडूला थारे चढ़ाऊ जोड़ा सु में धोक लगाऊ

गांव गांव भंडारा लागे भगत सगला नाचे
ढोल नगाड़ा बाजे नौबता जोता जगमग जागे

नित उट बाबा करू सेवना थारा ही गुण गांउ में
थारे चरण में करन प्रजापत अपनों शीश नवावे

मिलते-जुलते भजन...