रोटी खा ले ठाकुरा, मैं मर जाणा सिर चढ़ के

  • roti kha lai thakura main mar jana sir chadh ke

धन्ना, भगत पिया, वाजां मारे बैठ गया, हठ करके।
रोटी, खा ले ठाकुरा, मैं मर जाणा, सिर चढ़ के।

पंडित को तू, दर्शन दिखावे, देर ज़रा ना लावे।
मेरे कोलों, कृष्ण मुरारी, काहनूं मुंह छिपावे।
मैं तो तेरे, दर पे आया। दिल में आसें धर के।
रोटी, खा ले ठाकुरा, मैं मर जाणा, सिर चढ़ के।
धन्ना, भगत पिया, वाजां…

नामदेव को, दर्शन दिखाया, देर ज़रा ना लाई।
मुझे भी तू, दर्शन दिखा दे, प्यारे कृष्ण कन्हाई।
प्रहलाद को, दर्शन दिखाया। आए गरुड़ पे चढ़ के।
रोटी, खा ले ठाकुरा, मैं मर जाणा, सिर चढ़ के।
धन्ना, भगत पिया, वाजां…

धन्ना भगत तो, हठ कर बैठा, रोटी ज़रा ना खावे।
कृष्ण मुरारी, देख के भक्ति, दर्शन आन दिखावे।
सारी रोटी, खा गया बैठ के। रोका था हाथ पकड़ के।
रोटी, खा ले ठाकुरा, मैं मर जाणा, सिर चढ़ के।
धन्ना, भगत पिया, वाजां…

प्रेम के अंदर, बस कर लिए, देखो श्याम मुरारी।
आप धन्ने का, हल चलावे, आप ही गौएं चारे।
आप ही खेत में, पानी लावे। धन्ना देखे खड़े के।
रोटी, खा ले ठाकुरा, मैं मर जाणा, सिर चढ़ के।
धन्ना, भगत पिया, वाजां…

धन्ने जैसे, अगर तू प्यारे, श्याम का ध्यान लगाए।
श्याम तो तेरे, पीछे लग जाए, अगर तू उसका हो जाए।
धन्ने जैसे पी, नाम का प्याला। भवसागर से तर के।
रोटी, खा ले ठाकुरा, मैं मर जाणा, सिर चढ़ के।
धन्ना, भगत पिया, वाजां…

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