रसना निस दिन भज हरिनाम
रसना निस दिन भज हरिनाम, राम-कृष्ण श्री कृष्ण राम,
दोनों सुखकर आनन्द धाम, राम-कृष्ण श्री कृष्ण राम ।।
कान्हा या चितचोर कहो, या रघुवर अवध किशोर कहो,
प्रतिदिन बोलो आठों याम, राम-कृष्ण श्री कृष्ण राम ।।
राघव सा कोई कृपालु नही, माधव सा कोई दयालु नही,
आरत जन के आते हैं काम, राम-कृष्ण श्री कृष्ण राम ।।
धनुष धारी मुराली धारी, जय रघुवंशी जय बनवारी,
प्रेम बिन्दु दोनों का धाम, राम-कृष्ण श्रीकृष्ण राम ।।

