रघुनन्दन श्री राम

  • Raghunandan Shree Ram

कौशल्या दशरथ के नंदन,
माथे तिलक लगाये,
तीनो भईया जान लुटाये,
हनुमत दिल में बिठाये,
वो हैं रघुनन्दन श्री राम-०४

इनके चरणों के जादू की,
गाथा तुम्हें सुनायें,
छू जाये अगर पत्थर तो,
पत्थर नारी बन जाये,
एक बार में ताड़िका को,
परलोक की सैर कराये,
क्रोधित परशुराम को,
एक मुस्कान से लिया लुभाये,
प्रेम के वश धनुष तोड़के,
प्रेम के वश धनुष तोड़,
सीता से ब्याह रचाये,
तीनो भईया जान लुटाये,
हनुमत दिल में बिठाये,
वो हैं रघुनन्दन श्री राम-०४

और इस भजन का भी अवलोकन करें: मेरे घर राम आए हैं

क्या बतलाऊँ हर रिश्ते को,
राम ने कैसे निभाया,
पिता के वचन के खातिर,
जिसने चौदह वर्ष गंवाया,
प्राणो से भी प्रिय,
भाई होतें है बतलाया,
पत्नी के दुःख में भी,
प्रभु ने आंसू खूब बहाया,
अपने भक्त के खातिर जिसने-०२
जूठे बेर भी खाये,
तीनो भईया जान लुटाये,
हनुमत दिल में बिठाये,
वो हैं रघुनन्दन श्री राम-08


मिलते-जुलते भजन...