पूछ रही तुलसा बताओ गिरधारी
बोलिये बृन्दावन बिहारी लाल की… जय हो,
तुलसा मैया की … जय हो।
पूछ रही तुलसा बताओ गिरधारी-०२
मैं लगूँ प्यारी या बांसुरी है प्यारी-०२
हाँ मैं लगूँ प्यारी या बांसुरी है प्यारी।
मधुबन में तूने बांसुरी बजाई-०२
सब सखियां घर घर से बुलाई-०२
सखियों की यारी लगे तुमको प्यारी-०२
मैं लगूँ प्यारी या बांसुरी है प्यारी-०२
गोकुल में छुप छुपके माखन चुराये-०२
ग्वाल वालों संग बांट बांट खाये-०२
अच्छी लगे तुझे ग्वालों की यारी-०२
मैं लगूँ प्यारी या बांसुरी है प्यारी-०२
सारा बृज ढूंढा वृंदावन में छुप गये-०२
हमसे क्यों रहते हो दूर दूर हट के-०२
दर्शन को प्यासी है अखियां हमारी-०२
मैं लगूँ प्यारी या बांसुरी है प्यारी-०२
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यमुना तट पर चीर चुराये-०२
कदम डाल पर चढ़कर दिखाये-०२
सखियों को भावे शरारत तुम्हारी-०२
मैं लगूँ प्यारी या बांसुरी है प्यारी-०२
निधिवन में कान्हा रास रचाये-०२ ,
खुद नाचे और सब को नचाये-०२
हमको क्यों भूल गये गिरधारी-०२
मैं लगूँ प्यारी या बांसुरी है प्यारी-०२