जय हो गौरी लाल तुम्हारी प्रथम पूजा दुनिया सारी रिद्धि सिद्धि के साथ
जय हो गौरी लाल तुम्हारी
जय हो गौरी लाल
प्रथम पूजा दुनिया सारी
रिद्धि सिद्धि के साथ।।
मेल से अपने गौरा मां ने
गणपति तुम्हें बनाया।।
क्रोध में आकार शिव शंकर ने
शीश है धड़ से हटा।।
मुख गजानन का है लगा
पद गजानन नाम।।
जय हो गौरी लाल तुम्हारी
जय हो गौरी लाल।।
श्री गणेश है नाम तुम्हारा
डिंपी तेरा दास
मेरे भी घर आओ गणपति
मुझको दर्शन की आस।।
आशीष को भी तेरा सहारा
बनादो बिगाड़े काम।।
जय हो गौरी लाल तुम्हारी
जय हो गौरी लाल।।
प्रथम पूजा दुनिया सारी
रिद्धि सिद्धि के साथ।।