ॐ जय गंगे माता आरती
॥ अथ आरती श्री गंगाजी ॥
हर हर गंगे, जय माँ गंगे,
हर हर गंगे, जय माँ गंगे,
हर हर गंगे, जय माँ गंगे,
हर हर गंगे, जय माँ गंगे।
ॐ जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता,
जो नर तुझको ध्याता-०२
मनवांछित फल पाता
ॐ जय गंगे माता।
जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता,
जो नर तुझको ध्याता-०२
मनवांछित फल पाता,
ॐ जय गंगे माता।
चन्द्र-सी ज्योत तुम्हारी, जल निर्मल आता,
मैया जल निर्मल आता,
शरण पड़े जो तेरी-०२
सो नर तर जाता,
ॐ जय गंगे माता।
पुत्र सगर के तारे, सब जग को ज्ञाता,
मैया सब जग को ज्ञाता,
कृपा दृष्टि तुम्हारी-०२
त्रिभुवन सुख दाता,
ॐ जय गंगे माता।
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एक भी बार जो तेरी शरणागति आता,
मैया शरणागति आता,
यम की त्रास मिटाकर-०२
परमगति पाता,
ॐ जय गंगे माता।
आरती मातु तुम्हारी,जो जन नित गाता,
मैया जो जन नित गाता,
दास वही सहजमय-०२
मुक्ति को पाता,
ॐ जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता,
जो नर तुझको ध्याता-०२
मनवांछित फल पाता,
ॐ जय गंगे माता।
जय गंगे माता, श्री जय गंगे माता,
जो नर तुझको ध्याता-०२
मनवांछित फल पाता,
ॐ जय गंगे माता-०४
॥ इति आरती श्री गंगाजी ॥