मेरी मैया के आने से हुआ जग मग चमन सारा

  • meri maiya ke aane se huya jagmag chaman sara

मेरी मैया के आने से हुआ जग मग चमन सारा,
कहो कैसे करूँ वर्णन जो माँ का रूप था प्यारा,

मुकुट सर पे शुशोभित था सजी माथे पे थी बिंदिया,
बरसता प्यार नजरो से लुटाती भक्त पे सारा,
कहो कैसे……..

झूलते कान में कुण्डल नाक में सुर सुहाती थी,
मधुर मुस्कान अधरों पे गले मे हार था प्यारा,
कहो कैसे……

खना खन बज रहे कंगना सजे थे हाथ मेहन्दी से,
अभय करती उठा कर हाथ हर लेती वो दुःख सारा,
कहो कैसे……

मेरी मईया के तन पे है शुहाती लाल रंग साडी,
लगती भोग हलवे का बरसाती प्रेम रस धारा,
कहो कैसे….

सवारी सिंह की करती कस्ट भक्तो के है हरती,
जहाँ में जो भी होता है. इन्ही का खेल है सारा,
कहो कैसे……

मिलते-जुलते भजन...