मेरी झोली छोटी पड़ गई रे
मेरी झोली छोटी पड़ गई रे, इतना दिया मेरी माता-02
मेरी बिगड़ी माँ ने बनाई, सोई तकदीर जगाई-02
ये बात सुनी-सुनाई, मैं खुद बीती बतलाता
मुझे इतना दिया मेरी माता
मैं खुद बीती बतलाता रे, इतना दिया मेरी माता
मेरी झोली छोटी पड़ गई रे, इतना दिया मेरी माता
मान मिला, सम्मान मिला, गुणवान मुझे संतान मिली-02
धन-धान मिला, नित-ध्यान मिला, माँ से ही मुझे पहचान मिली-02
घर-बार दिया मुझे माँ ने, बे-शुमार दिया मुझे माँ ने-02
हर बार दिया मुझे माँ ने, जब-जब मैं मांगने जाता
मुझे इतना दिया मेरी माता
जब-जब मैं मांगने जाता रे, इतना दिया मेरी माता
मेरी झोली छोटी पड़ गई रे, इतना दिया मेरी माता
मेरा रोग कटा, मेरा कष्ट मिटा, हर संकट माँ ने दूर किया-02
भूले से कभी जो गरूर किया, मेरे अभिमान को चूर किया-02
मेरे अंग-संग हुई सहाई, भटके को राह दिखाई
क्या लीला माँ ने रचाई,
मैं कुछ भी समझ ना पाता, मुझे इतना दिया मेरी माता
मैं कुछ भी समझ ना पाता रे, इतना दिया मेरी माता
ओ, मेरी झोली छोटी पड़ गयी रे, इतना दिया मेरी माता
उपकार करे, भव पार करे, सपने सब के साकार करे -02
ना देर करे, माँ मेहर करे, भक्तों के सदा भंडार भरे
महिमा है निराली माँ की, दुनिया है सवाली माँ की-02
जो लगन लगा ले माँ की, मुश्किल में नहीं घबराता
मुझे इतना दिया मेरी माता
मुश्किल में नहीं घबराता रे, इतना दिया मेरी माता
मेरी झोली छोटी पढ़ गयी रे, इतना दिया मेरी माता
कर कोई जतन, ऐ चंचल मन, तू होके मगन चल माँ के भवन-02
पा जाए नयन पावन दर्शन, हो जाए सफल फिर ये जीवन-02
तू थाम ले माँ का दामन, ना चिंता रहे, ना उलझन-02
दिन-रात करल कर सुमिरन, चाकर माँ कहलाता
मुझे इतना दिया मेरी माता
चाकर माँ कहलाता रे, इतना दिया मेरी माता
मेरी झोली छोटी पड़ गई रे, इतना दिया मेरी माता-02
मेरी बिगड़ी माँ ने बनाई, सोई तकदीर जगाई-02
ये बात सुनी-सुनाई, मैं खुद बीती बतलाता
मुझे इतना दिया मेरी माता
मैं खुद बीती बतलाता रे, इतना दिया मेरी माता
मेरी झोली छोटी पड़ गई रे, इतना दिया मेरी माता