मेरा शिरडी वाला साई तू

  • mera shirdi vala sai tu

तुम फ़कीर होकर भी बांटते खैरात हो
तुम नहीं फ़कीर साई सबके दीनानाथ हो
साड़ी दुनिया से जुदा आपका अंदाज़ है
इस फकीरी में तुम्हारा कुछ न कुछ तो राज़ है

खुद मांगते हो भिक्षा सबको खिला रहे हो
बिगड़ा हुआ मुकद्दर पल में बना रहे हो
क्या राज़ है मेरे साई सबसे छिपा रहे हो
मेरा पीर तू मेरा मौला तू मेरा शिरडी वाला साई तू

कड़वा दी नीम तुमने मीठा बनाया साई
अपनी दया से जल का दीपक जलाया साई
हर रोज़ नया तुम जलवा दिखा रहे हो
क्या राज़ है मेरे साई सबसे छिपा रहे हो

आँखों में तेरे धरती आकाश दोनों दीखते
तेरे इशारे पर ही ये चाँद तारे ढलते
पर देखें जहाँ तुम नंगे पाँव जा रहे हो
क्या राज़ है मेरे साई सबसे छिपा रहे हो

कहते सभी ये तुमने त्यागा शरीर अपना
हमको तो अब तलक भी लगता है एक सपना
साई कैसे फिर तुम दर्शन दिखा रहे हो
क्या राज़ है मेरे साई सबसे छिपा रहे हो
मेरा पीर तू मेरा मौला तू मेरा शिरडी वाला साई तू

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