मौज उड़ाएगा तू रोज उड़ाएगा

  • Mauz Udaayega Tu Roz Udaayega

मौज़ उड़ाएगा तू रोज उड़ाएगा,
खाटू वाले श्याम के दर,
जिस रोज तू आएगा
मौज़ उड़ाएगा तू रोज उड़ाएगा…

खाटू वाले का जिसको सहारा है,
जीतता ही गया वो ना हारा है,
जिसने माँगा है जो उसने पाया है वो,
बस जिताना ही बाबा की आदत है,
मौज उड़ाएगा मौज़ उड़ाएगा,
तू रोज उड़ाएगा खाटू वाले श्याम के दर,
जिस रोज तू आएगा….

बाण रखता है बस तीन तरकश में,
हारना है नहीं उसकी फ़ितरत में,
युद्ध सबसे बड़ा महाभारत छिड़ा,
बाबा के होते कौरव नहीं हारते,
मौज़ उड़ाएगा तू रोज उड़ाएगा,
खाटू वाले श्याम के दर,
जिस रोज तू आएगा…

चलकर द्वापर से कलियुग में आया है,
श्याम का नाम बाबा ने पाया है,
करता है हर घडी बाबा जादूगरी,
मौज भक्तों के अपने कराता है,
मौज़ उड़ाएगा तू रोज उड़ाएगा,
खाटू वाले श्याम के दर,
जिस रोज तू आएगा…..

मिलते-जुलते भजन...