मतकर मनवा गरब गुमान

  • matkar manava garab guman

मतकर मनवा गरब गुमान दो दिन का तु है मेहमान,
जग मे भलाई का कर ले काम दो दिन का,

मात पिता सुत बांधव नार,स्वार्थ का है सब संसार,
धन दोलत का तज अभिमान दो दिन का,

गरब गुमान तज्यो हनुमान,प्रभु चरणो मे दीना ध्यान,
प्रभु ने दीना अपना निज धाम दो दिन का,

हाथो से तु करले दान,प्रभु चरणो मे धर ले ध्यान,
यही है भक्तो की पहचान दो दिन का,

राम नाम तु जप ले प्राणी,दो दिन की है ये जिन्दगानी,
आखिर आवे तेरे काम दो दिन का,

गरब करे नर मुरख अज्ञान,आखिर पङे नरक की खान,
सदानन्द का यही फरमान दो दिन का

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