माता के टप्पे
दीया, थाली में, जगता है ॥
ऊपर, माँ का, भवन सजता,
नीचे, गंगा जल, बहता है ॥
आंखें, छम छम, बरस रही हैं ॥
दाता, तेरे दर्शन को,
आंखें, हर वक्त, तरस रही हैं ॥
मेरे, हाथ में, बताशा है ॥
ऊंचे, पहाड़ों वाली,
माँ, पहाड़ों में, वासा है ॥
मेरे, हाथ में, छड़ी है ॥
दर्शन दे मइया,
सारी, संगत, खड़ी है ॥
तेरे, द्वार पर, आएंगे ॥
दुखों वाला, हाल दाति,
तुझे, आकर, सुनाएंगे ॥