मैया मेरी अर्ज़ी को , तुम ना ठुकरा देना

  • maiya meri arzi ko tum na thukra dena

मैया मेरी अर्ज़ी को
तुम ना ठुकरा देना
करना इसे स्वीकार
और द्वार बुला लेना

मैया तेरी ज्योति का
वो नूर निराला है
हर विपदा से माँ
तुमने ही निकाला है
तेरे दरबार के सिवा
कही और नहीं जाना

शरण पड़ा तेरी
दिल तुमसे लगाया है
संकट में मेरी माँ
तेरा बालक आया है
आन खड़ा तेरे द्वार
कुछ और नहीं कहना

भक्त पुकार रहे
दोडी चली आओ माँ
अर्ज़ी करो मंज़ूर
ना देर लगाओ माँ
चरणों की सेवा में
गौतम को लगा लेना

मैया मेरी अर्ज़ी को
तुम ना ठुकरा देना

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