मईया का, मलंग मैं तो, मईया का मलंग
मईया का मलंग
मईया का, मलंग मैं तो, मईया का मलंग।
चढ़ गया, रंग मैं तो, मईया का मलंग।
मईया का, मलंग मैं तो, मईया का मलंग।
मईया मेरे, आस-पास, मेरी निगाहों में।
मईया मेरी, नस-नस, मईया मेरे साँसों में।
रहती, अंग-संग मैं तो, मईया का मलंग।
मईया का, मलंग मैं तो…
पैरों में, घुंघरू, ऐसे तो नहीं पहनाए जाते।
फक्कड़ों के, भेस, ऐसे नहीं बनाए जाते।
हो गया, निश्छल मैं तो, मईया का मलंग।
मईया का, मलंग मैं तो…
डूबे हुए, बेड़ों को, झंडे वाली तारती।
ऐसे तो नहीं, दुनिया, माँ-माँ पुकारती।
मिलन की, उमंग मैं तो, मईया का मलंग।
मईया का, मलंग मैं तो…
माँ का, हर हुक्म मुझको, दर्शन कबूल है।
जान से भी, बढ़कर मुझे, चरणों की धूल है।
और कुछ भी ना, माँग मैं तो, मईया का मलंग।
मईया का, मलंग मैं तो…