मैं तो लाई हु मोदक भर थाल रे स्वीकार करो गणराज जी

  • Main To Laai Hu Modak Bhar Thaal Re Sweekar Karo Ganraj Ji

मैं तो लाई हु मोदक भर थाल रे
स्वीकार करो गणराज जी,
नमो नमो गणराज जी नमो नमो महाराज जी।।

माथे तिलक सिंदूर विराजे गल मोतियन का हार है,
सब के संकट हरने वाले महिमा तेरी अपार है,
मैं तो लाई हु मोदक भर थाल रे।।

तीन लोक के स्वामी हो तुम तुम्हारा पावन धाम है,
कहते है मात पिता की सेवा में ही आठो याम है,
मैं तो लाई हु मोदक भर थाल रे।।

लाल भाग के ओ गणराजा देवो के सरताज हो,
तुमरे जाप से आये न वादा पुराण करते काज हो,
मैं तो लाई हु मोदक भर थाल रे।।

निर्बल को बल निर्धन को धन देने वाले नाथ हो,
सिर पे तेरा हाथ रहे और हर पल तेरा साथ हो,
मैं तो लाई हु मोदक भर थाल रे।।

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