मैं सदा सुहागन कहलाऊं

  • Main Sada Suhagan Kahlaun

मैं सदा सुहागन कहलाऊं, ऐसा वर दो गंगे मइया-०२
मैं सदा सुहागन कहलाऊं।

जब तक ये चाँद सितारें हैं, गंगा के बहते धारे हैं-०२
तब तक मेरा जीवन साथी, चले थाम यूँही मेरी बइयाँ,
मैं सदा सुहागन कहलाऊं, ऐसा वर दो गंगे मइया,
मैं सदा सुहागन कहलाऊं।

ऐसी लिख दो कर्मों की गति, कहे लोग अखंड सौभाग्यवती-०२
खाये न भंवर में हिचकोली, मेरे नाथ के जीवन की नइया,
मैं सदा सुहागन कहलाऊं, ऐसा वर दो गंगे मइया,
मैं सदा सुहागन कहलाऊं।

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सिन्दूर मेरा हरदम दमके, बिंदिया माथे पे यूँही चमके-०२
दीपक ये सुहाग का जलता रहे, बरसात हो या चले पुरवइया,
मैं सदा सुहागन कहलाऊं ऐसा वर दो गंगे मइया,
मैं सदा सुहागन कहलाऊं।

नित जाप तुम्हारा करती हूँ, चरणों पे मस्तक धरती हूँ-०२
मेरे साजन के सर पे रखना, तुम अपनी करुणा की छइयां,
मैं सदा सुहागन कहलाऊं, ऐसा वर दो गंगे मइया,
मैं सदा सुहागन कहलाऊं।

तुमने जग का उद्धार किया, भक्तों को भव से पार किया-०२
जन्मों से दास तुम्हारे हैं, मैं और मेरे भोले सइयां,
मैं सदा सुहागन कहलाऊं, ऐसा वर दो गंगे मइया-०४


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