मैं गिरते गिरते संभल गया, मेरे मुँह से साईं निकल गया
मेरा दिल दर्शन को मचल गया,
मैं घर से सफर को निकल गया,
मेरा दिल दर्शन को मचल गया-02
मैं घर से सफर को निकल गया-02
मेरे मुँह से साईं निकल गया,
मैं गिरते गिरते संभल गया-02
मेरे मुँह से साईं निकल गया-02
जब साईं ने थामा हाथ मेरा-02
मेरा सारा जीवन बदल गया,
मैं गिरते गिरते,
मैं गिरते गिरते संभल गया,
मेरे मुँह से साईं निकल गया,
मैं गिरते गिरते संभल गया,
मेरे मुँह से साईं निकल गया,
मैं घर से चला झोली डाले-02
सुन दर्द भरे मेरे नाले-02
मैं घर से चला झोली डाले,
सुन दर्द भरे मेरे नाले,
इन नैनो में ज्योति भर लूँ ,
साईं के मैं दर्शन कर लूँ,
चला नगर नगर मैं डगर डगर-02
फिर खौफ का तर करता था सफर-02
सूरज भी घटा और रात हुई,
बादल गरजा बरसात हुई,
तन्हाई मन में वसने लगी रातअँधेरी डसने लगी,
वहॉँ खाई थी मैदान में था मुझे खाई का कुछ भी ध्यान ना था,
वहॉँ दोई कदम पर खाई थी रो रो कर मैंने दुहाई दी,
मेरा पाँव अचानक फिसल गया-02
मेरे मुँह से साईं निकल गया,
मैं गिरते गिरते,
मैं गिरते गिरते संभल गया,
मेरे मुँह से साईं निकल गया,
मैं गिरते गिरते संभल गया,
मेरे मुँह से साईं निकल गया,
लकवा था उसको मार गया वो जीवन से था हार गया-02
कुछ काम नहीं कर सकता था पानी भी नहीं पी सकता था
बेकार के उसके पाँव हाथ उसके-02
थे इतने बुरे हलात उसके-02
हर एक से जब मायूस हुआ,
श्री साईं ने सुन ली उसकी सदा
श्री साईं ने सुन ली उसकी सदा, दर्द की उसको दे दी दवा,
कल रोता था अब हँसता है,
हँस हॅंस कर साईं कहता है,
तुम ही साईं जीवन मेरा कोई और नहीं साईं मेरा,
अब जादू घटा से निकल गया
अब जादू घटा से निकल गया मेरे मुँह से साईं निकल गया,
मैं गिरते गिरते ,
मैं गिरते गिरते संभल गया,
मेरे मुँह से साईं निकल गया,
मैं गिरते गिरते संभल गया,
मेरे मुँह से साईं निकल गया,
मेरा दिल दर्शन को मचल गया-02
मैं घर से सफर को निकल गया-02
मेरे मुँह से साईं निकल गया,
मैं गिरते गिरते संभल गया-02
मेरे मुँह से साईं निकल गया-02
जब साईं ने थामा हाथ मेरा-02
जब साईं ने थामा हाथ मेरा
मेरा सारा जीवन बदल गया,
मैं गिरते गिरते,
मैं गिरते गिरते संभल गया,
मेरे मुँह से साईं निकल गया….