मैं दौड़ा आऊं दरबार

  • main dauda aau darbaar

बक्श पैरों को मेरे ताकत,
मैं दौड़ा आऊं दरबार,
नूर बक्श ऐसा आँखों को,
पल पल हो तेरा दीदार,
दो पंख दिए होते तो मैया,
उड़ आता तेरे द्वार,
गिर चरणों में तेरे मैया,
अपना जीवन लेता सुधार…

तेरी ज्योत से मैया मन का मेरे,
मिट जाता जो अंधकार,
मन मंदिर में तुझे बसाने का,
करता सपना मैं साकार,
कृपा भरे वचन मैया तेरे,
मैं जो सुन लेता,
तेरी दया के मोती मैया,
हो नतमस्तक मैं चुन लेता,
कह देती बेटा जो मुझको,
रखता चरणों पे इख्तियार,
बक्श पैरों को मेरे ताकत,
मैं दौड़ा आऊं दरबार,
गिर चरणों में तेरे मैया,
राजीव अपना जीवन लेता सुधार…..

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