म्हाने श्याम को सिंगार बड़ो प्यारो लागे

  • mahane shyam ka singar bada pyaro lage

म्हाने श्याम को सिंगार बड़ो प्यारो लागे
साँची साँची बोलू बाबो न्यारो लागे
फागुन कार्तिक मेलो भारी
श्याम की सज जे हवेली प्यारी
थारे आगनिये में जोर का जयकारा लागे
साँची,

केशरियो बागों थारे तन पे सुहावे
काना रा कुण्डल थारो रोब जमावे
थारी आख्या रो काजल बड़ो प्यारो लागे
साँची,

मोरपंख जयपुरी मुकुट है सुहावे
केशर तिलक थारा भक्ता लगावे
थारो महक रहयो दरबार बाबा प्यारो लागे
साँची,

अमित बंसल बाबा भजन सुनावे
भक्ता चंग पर नाच दिखावे
थारी मोर छड़ी को बाबा झाड़ो लागे
साँची,,

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