मा वैभव लक्ष्मी गाथा
हम आज मा वैभव लक्ष्मी की महिमा गाते हैं
सुनो वैभव लक्ष्मी की व्रत की कथा सुनाते
जय वैभव लक्ष्मी मां तुम कृपा करो हे मां
एक शहर था जिसमें मां की वो बेटी रहती थी
उसका पति भी बड़ा विवेकी सीधा-सादा था
घर परिवार चलाने को छोटी सी नौकरी करता था
रोज़ सुबह वो सबसे पहले मंदिर जाती थी
बैठ के मां का ध्यान लगाती है
उन्हें कैसे मां की भक्ति मिली
सुनो तुम्हें बताते हैं, सुनो तुम्हें बताते हैं
सुनो वैभव लक्ष्मी की व्रत की कथा सुनाते
जय वैभव लक्ष्मी मां तुम कृपा करो हे मां
दुर्भाग्यवश छूटा मंदिर, वो हो गई बीमार
पति भी बिगड़ गया, बुराइयों का हुआ शिकार
पड़ा ग़लत संगत में, वो शराब पीने लगा
जुआ, गांजा खेले, घर का सामान बेचने लगा
पति को समझाए रो-रो कर वो राधा बेचारी
कलह करे, मारे-पीटे, वो हो गया दुर्व्यवहारी
कैसे सही राह मिली सुनो तुम्हें बताते हैं
सुनो तुम्हें बताते हैं, सुनो तुम्हें बताते हैं
जय वैभव लक्ष्मी मां तुम कृपा करो हे मां