माँ बाप की इस कलयुग में किस तरह कटे जिंदगानी
माँ बाप की इस कलयुग में किस तरह कटे जिंदगानी
वो बेटा क्या बेटा है जा ने माँ की कदर ना जानी
नो मॉस गर्भ में बन्दे, माँ ने बड़ा कस्ट उठाया
गीले में सोई जन्नी, सूखे में तुझे सुलाया
बदले में कुछ ना चाहा, देखो माँ की कुर्बानी
वो बेटा क्या बेटा है…
माँ बाप से बड़के कोई, देव नहीं है दुजा
भगवान ने नर तन धरके, की इन दोनों की पूजा
कोई कर्म नहीं है दुजा, ये वेंदो ने भी मानी
वो बेटा किया बेटा है…
करके मेहनत मजदूरी, मुश्किल से तुझको है पाला
तू क्या जाने अन्यायी, माँ ने कितना साहा कसाला
तू बन बैठा मतवाला, आई जब तुझे जवानी
वो बेटा क्या बेटा है…
जिसने तुझे बड़ा किया, तू उसे आँख दिखता
इन बूढे माँ बापो को, एक रोटी को तरसाता
तू बन बैठा मतवाला, इनकी आँखों में पानी
वो बेटा क्या बेटा है…
सुन लो कलयुग के बेटों, यदि इनका मान ना होगा
तो ऐसे पागल बेटो का, हरगिज कल्याण ना होगा
कही गुरु बिन ज्ञान ना होगा, कहे(दीपक शर्मा) अज्ञानी
वो बेटा क्या बेटा है…

