लेके मैया का श्रृंगार

  • leke mayia ka shringaar

लेके मैया का श्रृंगार करती माँ की जय जय कार,
चल के आयी मैं आयी मैया के दरबार………

लाल लाल चोला माँ का लाल लाल चुनरी,
माथे की बिंदिया लायी हाथों की मुंदरी,
गले का लायी हार करती माँ की जय जय कार,
चल के आयी मैं आयी मैया के दरबार………

चुन चुन फूलों की माला बनाई,
प्यार से मैंने माँ के गले में पहनाई,
लायी चूड़ी मीनेदर करती माँ की जय जय कार,
चल के आयी मैं आयी मैया के दरबार………

सोने का मैया मैं तो छत्र चढाऊँ,
कानों में माँ के झुमकी खूब सजाऊँ,
लायी चोली गोटेदार करती माँ की जय जय कार,
चल के आयी मैं आयी मैया के दरबार………

पैरों की मैं पायल लायी हाथों का कंगना,
रोज बुहारूं मैं तो मैया तेरा अंगना,
आयी छोड़ के घर बार करती माँ की जय जय कार,
चल के आयी मैं आयी मैया के दरबार………

हलवा पुड़ी का भोग लगाऊं,
पान सुपारी माँ की भेट चढ़ाऊँ,
मैया चाहूँ तेरा प्यार करती माँ की जय जय कार,
चल के आयी मैं आयी मैया के दरबार……

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