लंका दहन प्रसंग

  • lanka dahan prasang

बजरंगी बलि ने ऐसा बजाया डंका,
अरे, जला डाली सारी सोने की लंका,
धु धु जलती लंका,
उछल कूदते हनुमान,
जय श्री राम जय हुनमान….

हनुमत को लागी थी भूख भारी,
फल हेतु अशोकवाटिका उजारी,
अक्षय कुमार को जब मार गिराया,
ये बात रामन के कानों मे आया,
लकेश की सभा मे बुलाये गए हनुमान……

रामन ने जब कोई नही दिया आसन,
पूछ बढ़ाकर खुद का बना लिया आसन,
ये देख रामन को विकट गुस्सा आई,
असुरो ने कपि के पुछ आग लगाई,
फिर लंका दहन कर दिये हनुमान……

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