लड्डुओं के लाने मचल गाओ रे
लड्डुओं के लाने मचल गाओ रे
मोरो गोरा को लाला
ख़ूब मनाये ना मन रे
मोरो गोरा को लाला
झूला झूलन खेजनात नैया
हो गया परशन गोरा मैया
आर कह रे साके निकल गोरे
मोरो गोरा को लाला
भंगिया पिसे के लड्डू बनायें
माता गोरा के समाज ना आए
क्या दिमाग देखो भजल बोए रे
मोरो गोरा को लाला
लम्बोधर गणराज तुम्ही
हो शुभ और लाभ के दाता तुम्हारी हो
आर काम ना साहिल सफल बोए रे
मोरो गोरा को लाला