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लड्डू गोपाल की आरती

  • Laddu Gopal Ki Aarti

आरती बालकृष्ण की कीजे ।
अपना जनम सफल करि लीजे ।।

श्री यशोदा का परम दुलारा ।
बाबा की अखियन का तारा ।।

गोपिन के प्राणन का प्यारा ।
इन पर प्राण निछावर कीजे ।।

आरती बालकृष्ण की कीजे ।
बलदाऊ का छोटा भैया।
कान्हा कहि कहि बोलत मैया ।।

परम मुदित मन लेत वलैया ।
यह छबि नैनन में भरि लीजे ।।

आरती बालकृष्ण की कीजे ।
श्री राधावर सुघर कन्हैया।
ब्रज जन का नवनीत खवैया।।

देखत ही मन नयन चुरैया ।
अपना सरबस इनको दीजे।।

आरती बालकृष्ण की कीजे।
तोतरि बोलनि मधुर सुहावे ।
सखन मधुर खेलत सुख पावे ।।

सोई सुकृति जो इनको ध्यावे।
अब इनको अपनो करि लीजे।।

आरती बालकृष्ण की कीजे ।

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