लड़ गई अखियां हमारी कृष्ण मुरारी से
कान्हा तेरी नज़रो ने मुझे दीवाना बना दिया है,
तेरी एक झलक ने मेरा जीवन सुहाना बना दिया है।
लड़ गई अखियां हमारी,
बांके बिहारी से,
सखी रे लड़ गई अखियां हमारी,
बांके बिहारी से,
बचाई थी बहुत लेकिन-०२
निगोड़ी लड़ गई अखियां हमारी,
कृष्ण मुरारी से।
और इस भजन को भी पढ़ें: सांवरे सांवरे मेरे घर आओ कभी
ना जाने क्या किया जादू,
ये तकती रह गई अखियां,
ना जाने क्या किया जादू,
ये तकती रह गई अखियां,
चमकती हाय बरछी सी-०२
कलेजे गड़ गई अंखियां हमारी,
कृष्ण मुरारी से,
सखिरी लड़ गई अखियां हमारी,
बांके बिहारी से।
चहूं दिश रसभरी चितवन,
मेरी आंखों में लाते हो,
चहूं दिश रसभरी चितवन,
मेरी आंखों में लाते हो,
कहो कैसे कहां जाऊं-०२
ये पीछे पड़ गई अखियां हमारी,
कृष्ण मुरारी से,
सखिरी लड़ गई अखियां हमारी,
बांके बिहारी से।