कृष्णा तेरी चाह ने मुझे रुला दिया
कृष्णा तेरी चाह ने मुझे रुला दिया,
हंसते हुए चेहरे को हमसे मिला दिया,
सोचा था मिल जायेगा प्यार तेरा मुझको,
पर तेरे इंतज़ार ने पागल बना दिया,
कृष्णा तेरी चाह ने मुझे रुला दिया,
हंसते हुए चेहरे को हमसे मिला दिया।
दर दर भटक रहा हूँ बनकर तेरा दीवाना,
कोई नहीं है अपना बेगाना है जमाना,
आँखों से अब तो नींद भी रूठी हीं रहती है,
मुश्किल है बहुत श्याम अब तुमको भूल पाना,
बहते हैं नैनों से ये आँसू दिन और रात,
आकर कभी तो करलो तुम मन की कोई बात,
बिरहा की ये अगन अब सही नहीं जाती,
तरस रहा हूँ थाम लो आकर मेरा हाथ,
कृष्णा तेरी चाह ने मुझे रुला दिया,
हंसते हुए चेहरे को हमसे मिला दिया।
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तेरे लिए हीं छोड़ा है मैंने ये संसार,
समझ ना पाया कोई भी मेरा ये निश्चल प्यार,
पत्थर के हो गए हो क्या मेरे बांके बिहारी,
सुनलो जरा कन्हैया तुम दिल की ये पुकार,
दर्शन की प्यास लेके प्राण ना निकल जाये,
बुझते हुए दिए को तुम आके फिर जलाये,
इतना हीं मांगता हूँ मैं अंत समय में तुमसे,
तेरे हीं चरणों में प्रभु ये शीश झुक जाए,
कृष्णा तेरी चाह ने मुझे रुला दिया,
हंसते हुए चेहरे को हमसे मिला दिया,
सोचा था मिल जायेगा प्यार तेरा मुझको,
पर तेरे इंतज़ार ने पागल बना दिया।

