कृपा की छांव रखना

  • kripa ki chhaon rakhna

प्रभु आप अपनी कृपा की छांव रखना,
पल भर भी ना बिसारूं बस इतना ध्यान रखना।।

मझधार है भंवर है जीवन का ऐ सफर है,
कभी डगमगाए नैया तो पतवार बन के रहना।।

अज्ञान है जीवन में छाया घना अंधेरा,
मैं हूं तेरे सहारे सब कुछ तूं ही है मेरा।।

तेरा ही आसरा है बस मुझको मेरे भगवन,
हर पल प्रभु मुझे बस अपनी शरण में रखना।

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