किरपा करना हे छठी मईया

  • Kripa Karna Hey Chhathi Maiya

किरपा करना हे छठी मइया,
दुःख तू हरना हे छठी मइया ।
कोख चेह्कत रहे मांग चमकत रहे,
मेरे व्रत को सफल करना ।।

तेरे व्रत की है महिमा बड़ी,
अरग देने को जल में खड़ी ।
सूर्ये देवता है निरथ अब ना आये गे,
तब सबकी उनपे नजर है गड़ी ।।

खुश रहे हम सदा अपने परिवार में,
किरपा करना हे छठी मइया,
दुःख तू हरना हे छठी मइया ।।

तूने जग को उभारा है माँ,
अपने भक्तो को तारा है माँ ।
तृप्ति को तृप्ति है तुम से जो कुछ मिला,
प्यार नाम ने पुकारा है माँ ।।

मैं तेरा व्रत करू सुन ले जब जब माँ,
किरपा करना हे छठी मइया,
दुःख तू हरना हे छठी मइया ।।

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