किस्मत

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संघर्ष कितने लिख दिए बाबा-०२
दुःख हीं दुःख बस लिख दिए बाबा-०२

हुई सच की पराजय,
दुनिया जीती ये छल से ,
नहीं हिम्मत बची अब,
आया घुटनों के बल पे,
कितना और सहूंगा आखिर,
मैं भी तो इंसान-०२
इतनी परीक्षा किसलिए बाबा-०२
दुःख हीं दुःख बस लिख दिए बाबा-०२

वक़्त आखिर ये शायद,
कब मेरी सांस छूटे,
ज़माना भी चाहता है,
मेरा विश्वास टूटे,
प्राण निकलने बाद शरीर पे,
लिपटे तेरा निशान-०२
इतने दुःख तो सह लिए बाबा-०२
दुःख हीं दुःख बस लिख दिए बाबा-०२

और इस भजन को भी देखें: मैं तेरे बिन कुछ भी नहीं

परीक्षा प्राण की लो,
अगर तुम ले सके तो,
सह लूंगा और भी हम,
अगर तुम दे सको तो,
मेरे दुःख में तुम खुश हो तो,
मैं भी खुश हूँ श्याम-०२
तुमको नहीं पर भूलेंगे बाबा-०२
दुःख हीं दुःख बस लिख दिए बाबा-०२

परखने की ये आदत,
कन्हैया छोड़ दो अब,
लिखी कौशिक की किस्मत,
कलम को तोड़ दो अब,
जितने दुःख देते उतने ,
आंसू भी दो सरकार-०२
सारे दुःख तो कह दिए बाबा-०२
दुःख हीं दुःख बस लिख दिए बाबा-०४


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