केरवा के पतवा पे नेवता पेठवनी

  • Kerva Ke Patwa Pe Newta Pethavni

जय जय छठी मईया !
जय जय छठी मईया !

केरवा के पतवा पे नेवता पेठवनी,
नेवता करी ना स्वीकार जी,
हाँ…लिही ना अरघ मोर आदित गोसइयाँ,
बरतीं के सुन ली पुकार जी,
हाँ…केरवा के पातवा पे नेवता पेठवनी,
नेवता करी ना स्वीकार जी।

हो ओ ओ ओ ओ..
हो ओ ओ ओ ओ..

जय छठी मईया !

दे हम अरघ दुनो बेरा आदित तोहे सँझिया फजीरे,
हो ओ ओ ओ ओ…
दूसरा अरघ देके मांगब आशीष आके गंगा के तीरे,
दीन के सहईया रउवे रोग हरईया जी,
रउवे से जग में अंजोर जी,
हाँ… केरवा के पतवा पे नेवता पेठवनी,
नेवता करी ना स्वीकार जी,
हाँ… केरवा के पतवा पे नेवता पेठवनी,
नेवता करी ना स्वीकार जी।

जय छठी मईया !

नजरी के कोर से करिले अंजोर जग रउवे से जागेला,
हो ओ ओ ओ ओ…
रउवे से रात होला रउवे से दिन काल चक्र चलेला,
हर साल करब बरत आई छठी घटिया हो,
हमनी पे करब उपकार जी,
हाँ… लिही ना अरघ मोर आदित गोसइयाँ,
बरतीं के सुन ली पुकार जी,
हाँ… केरवा के पतवा पे नेवता पेठवनी,
नेवता करी ना स्वीकार जी।

केरवा के पतवा पे नेवता पेठवनी,
नेवता करी ना स्वीकार जी,
हाँ… लिही ना अरघ मोर आदित गोसइयाँ,
बरतीं के सुन ली पुकार जी,
हाँ… केरवा के पतवा पे नेवता पेठवनी,
नेवता करी ना स्वीकार जी ,
हाँ… केरवा के पतवा पे नेवता पेठवनी,
नेवता करी ना स्वीकार जी।


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