कावडिया ले चल शिव के द्वार

  • kavadiya le chal shiv ke dwar

जहां बिराजे भोले बाबा नंदी के असवार
कावडिया ले चल शिव के द्वार ,

जटा मे इनके गंगा विराजे हाथ मे इनके डमरु साजे
सिर पे सोहे चंदा प्यारा गल शर्पो का हार
कावडिया ……

भोलाभाला है मतवाला पीता रहता भंग का प्याला
भक्तो का है ये रखवाला भुतो का सरदार
कावडिया ……..

रोडा भी तेरे दर पर आए आके गंगाजल को चढाए
दुखीयो के दुख दुर कर दो कर इतना अपकार
कावडिया …..

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